सूना पड़ा गाँव अब बचपन की वो धूल नहीं उड़ती है ! सूना पड़ा गाँव अब बचपन की वो धूल नहीं उड़ती है !
कभी-कभी तो जीवन की पाठशाला सी लगती है ! कभी-कभी तो जीवन की पाठशाला सी लगती है !
हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है. हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है.
इतनी दूर तुम न जाना कि लौटकर भी तुम फिर वापस आ न सको। इतनी दूर तुम न जाना कि लौटकर भी तुम फिर वापस आ न सको।
सभी ख्वाब पूरे होंगे तुम तो मेरी कल्पना हो ! सभी ख्वाब पूरे होंगे तुम तो मेरी कल्पना हो !
अब कोई नहीं बोलता रुकावट में खेद है , क्योंकि हर कोई जानता है जिंदगी एक रेस है । अब कोई नहीं बोलता रुकावट में खेद है , क्योंकि हर कोई जानता है जिंदगी एक रेस ...